स्वतंत्रता-दिवस की शुभकामनाओं के साथ एक आह्वान.....
**********************************
रण-भेरी बज उठी है यारों, जागो देश पुकारता;
भ्रष्टों की अब खैर नहीं, बूढा शेर दहाड़ता...
लोकपाल एक ब्रह्मास्त्र है,
आज जरुरत आन पड़ी;
काले फन फैला फुंफकारती,
विकराल विपत्ति आन खड़ी..
ताले मुँह पर लगा हैं बैठे,
उनसे अपनी उम्मीद नहीं;
अपने हाथों से भारत की,
रच डालेंगे तस्वीर नई...