आँखों में सपनों की प्यारी,
इक बारात सजाई है;
साल नए, तुम जल्दी आना,
पलकें कब से बिछाई हैं....
झोली में खुशियाँ भर लाना,
आशा की किरणें बिखराना;
जादुई पिचकारी लेकर,
जीवन में रंग बरसाना....
हर चेहरे पर मुस्कानों की,
रंगत नई सजा देना;
सबके होंठों पर अरमानों की,
धुन मीठी-सी ला देना...
कहो कभी मुश्किल में हूँ गर,
तब तुम साथ तो दोगे ना;
दुबे कश्ती मझधारों में जब,
पतवार मेरी थामोगे ना....
दृढ़ विश्वास हमारे हों,
धृति,परिश्रम सारे हों;
नव-गाथा के पृष्ठों पर,
अब हस्ताक्षर तुम्हारे हों....
ज्ञान-ज्योति प्रज्वलित रहे,
स्वर अपने मुखरित रहें;
संशय के भीषण वन में भी,
जिजीविषा जीवित रहे....
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