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Tuesday, October 18, 2011

ख़्वाबों की परी











  
एक नशा दिल पे जैसे छा जाए,
जब कभी आपका ख़याल आए...









  

   

सामने हुस्न के, चाँदनी भी जले,
जब भी आए, आपकी मिसाल आए









 


जिंदगी स्याह,  काली बेरंग थी,
आप आए तो, रंग-गुलाल आए....







 




कोई मकसद नहीं, वजह ना थी,
क्यों जिएँ, ऐसे कुछ सवाल आए...















नूर तुमसे है, सादगी तुमसे,               
 जादूगर, फन ये तुमको, कमाल आए.....!!

1 comment:

Dr.NISHA MAHARANA said...

जिंदगी स्याह, काली बेरंग थी,

आप आए तो, रंग-गुलाल आए...waah

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