उनसे मिलन की घडी सुहानी,
आ ही गई वो रूत मस्तानी;
बेताबी अपनी बढती जाए;
धडकन बनी दीवानी......
नयनों से ही बात बढ़ी है,
एक कड़ी दरम्याँ जुड़ी है;
राह नयी सौगात मिली है,
हम दोनों के लिए सजी है..
गीत प्रीत के पंछी गाएँ,
बनी तारों की जुबानी....
दूर अगन अब, प्रेम-मगन हम,
सरस-स्वप्न हुए साझे,
प्रेम-पुष्प सब, खिले नवल-दल;
प्यारे सारे ही हमारे..
हर तरंग में, हर सुगंध में,
बसी बस यही कहानी...
सघन गगन का छोर जहाँ है,
प्यार परे, उस ओर बढ़ा है;
बादल का जयघोष हमारा,
दूर-दूर तक फ़ैल गया है..
प्रेम-सुधा, वर्षा बरसाए,
छेड़, करे मनमानी....!!
आ ही गई वो रूत मस्तानी;
बेताबी अपनी बढती जाए;
धडकन बनी दीवानी......
नयनों से ही बात बढ़ी है,
एक कड़ी दरम्याँ जुड़ी है;
राह नयी सौगात मिली है,
हम दोनों के लिए सजी है..
गीत प्रीत के पंछी गाएँ,
बनी तारों की जुबानी....
दूर अगन अब, प्रेम-मगन हम,
सरस-स्वप्न हुए साझे,
प्रेम-पुष्प सब, खिले नवल-दल;
प्यारे सारे ही हमारे..
हर तरंग में, हर सुगंध में,
बसी बस यही कहानी...
सघन गगन का छोर जहाँ है,
प्यार परे, उस ओर बढ़ा है;
बादल का जयघोष हमारा,
दूर-दूर तक फ़ैल गया है..
प्रेम-सुधा, वर्षा बरसाए,
छेड़, करे मनमानी....!!
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